हार कैसे मान ले…
जब तक साँस है तब तक लड़ेंगे
लड़ेंगे तबतक जब तक जीत ना जायेंगे।
हार कैसे मान ले…
मुश्किलों के शहर को पीछे छोड़ मंजिल की तलाश में हूँ,
मजबूरियों को पीछे छोड़ विजय की तलाश में हूँ।
जिंदगी की जद्दोजहद को छोड़ जीवन की तलाश में हूँ,
जिंदगी की कश्मकश से आगे जीवन की खूबसूरती की तलाश में हूँ।
हार कैसे मान ले…
यूँ तो दिल में समंदर लेकर चलता हूँ,
लेकिन आँखों की नमी छुपाकर चलता हूँ।
देख ना ले कोई इन आँखों की नमी को,
इसीलिए होंठो पर मुस्कान लिए चलता हूँ।
हार कैसे मान ले…
कितना भी कुछ लिख ले जिंदगी की दीवार पर,
बारिश आती रहेगी उसे मिटाने के लिए।
कितना भी प्रयास कर ले जिंदगी के दीवार पर,
लेकिन एक भाग्य का सितारा ही तो चाहिए जिंदगी को चमकने के लिए।
हार कैसे मान ले…
©✍️ शशि धर कुमार