हार और जीत तो,,,
हार और जीत तो जिंदगी का हिस्सा है
ये तो यु ही उम्र भर साथ चलते रहेगी
कभी ये हसायेगी तो कभी ये रुलायेगी
फिर कैसे मै इसे,जिंदगी से मिटाऊ
कैसे मै इससे दूरी बनाऊ
क्या कोई ऐसा शक्स है जो
सिर्फ जिंदगी मे बस
जीता, ही हो ,
हारा ही ना हो,नहीँ ना
तो फिर क्यों मै अपनी
हार का शोक मनाऊँ
क्यों मै सूखे पत्तो की
तरह ढेर हो जाऊ
ये जिंदगी है मेरे दोस्त
कभी हार का कड़वा स्वाद,
तो कभी जीत का
मीठा स्वाद चखाएगी
हार गए तो आपको
एक नया सबक दे जाएगी
उस सबक मे आपको
एक नया तजुर्बा देकर जाएगी
और जीत गए तो आपके लिए
हजार रास्ते खुलवायेगी
श्री रावत,,,