हाय लगेगी तुमको प्रियतम
?”रुबाई छंद”?
हाय लगेगी तुमको प्रियतम, मेरे दिल को मत तोड़ो।
रात रात भर जागोगे फिर, अखियाँ मुझसे यदि मोड़ो।
भूख प्यास सब उड़ जायेगी, मारे मारे भटकोगे।
भेष बनेगा पागल जैसा, प्रेम डगर को यदि छोडो।
?अनन्या “श्री”?
?”रुबाई छंद”?
हाय लगेगी तुमको प्रियतम, मेरे दिल को मत तोड़ो।
रात रात भर जागोगे फिर, अखियाँ मुझसे यदि मोड़ो।
भूख प्यास सब उड़ जायेगी, मारे मारे भटकोगे।
भेष बनेगा पागल जैसा, प्रेम डगर को यदि छोडो।
?अनन्या “श्री”?