Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2018 · 1 min read

हाय गरीबी

हाय गरीबी हाय अमीरी,
हमरी एक कहानी है।
माँ बापू अपनो के संग मे,
दो दिन महमानी है।।

हम बच्चे है नन्हे नून्हे,
हमरी एक कहानी है |
कुछ भी करदे हम बचपन मे,
कहते सब नादानी है||

माँ बाबा के हम आँगन मै,
करते खीचा तानी है|
भाई बहन संग सखा सहेली
करते सब शैतानी है||

पढ़ने लिखने शाला जाते,
सुन टीचर की वानी है|
अक्षर अक्षर लिख लिखकरके
हमने लिखी कहानी है||

हम सब पढते लिखते है तो
माँ की वजती ताली है|
दादा दादी हमे प्यार से
,देते सुंदर गाली है||

हम ही बनते वीर सिपाही,
हम ही बनते माली है|
डाक्टर बनके दवा करे हम,
हम ही बने भिखारी है||

कर्मो का फल मिलता सबको,
हम सब ने ये जानी है|
कृष्णा जी ले इस दुनिया मे
दो दिन की जिंदगानी है||
कृष्णकांत गुर्जर धनौरा
तह-गाडरवारा(म.प्र.)

Language: Hindi
5 Likes · 347 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कचनार kachanar
कचनार kachanar
Mohan Pandey
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
अद्भुत प्रेम
अद्भुत प्रेम
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
नहीं जरूरी जिंदगी,
नहीं जरूरी जिंदगी,
sushil sarna
लिखें हैं नगमें जो मैंने
लिखें हैं नगमें जो मैंने
gurudeenverma198
दिल में इश्क भरा है
दिल में इश्क भरा है
Surinder blackpen
*बेचारे नेता*
*बेचारे नेता*
गुमनाम 'बाबा'
*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
sudhir kumar
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
"यह कैसा नशा?"
Dr. Kishan tandon kranti
मोह
मोह
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
■निरुत्तर प्रदेश में■
■निरुत्तर प्रदेश में■
*प्रणय*
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
Kailash singh
जो चीज आपको चैलेंज करती है,
जो चीज आपको चैलेंज करती है,
Anand Kumar Singh
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
स्त्री मन
स्त्री मन
Vibha Jain
" भींगता बस मैं रहा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
Pramila sultan
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
सोने की चिड़िया
सोने की चिड़िया
Bodhisatva kastooriya
*ऋषि (बाल कविता)*
*ऋषि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
Neelofar Khan
कैसे देख पाओगे
कैसे देख पाओगे
ओंकार मिश्र
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
Atul "Krishn"
Fragrance of memories
Fragrance of memories
Bidyadhar Mantry
3176.*पूर्णिका*
3176.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
Loading...