हाय गरीबी
हाय गरीबी हाय अमीरी,
हमरी एक कहानी है।
माँ बापू अपनो के संग मे,
दो दिन महमानी है।।
हम बच्चे है नन्हे नून्हे,
हमरी एक कहानी है |
कुछ भी करदे हम बचपन मे,
कहते सब नादानी है||
माँ बाबा के हम आँगन मै,
करते खीचा तानी है|
भाई बहन संग सखा सहेली
करते सब शैतानी है||
पढ़ने लिखने शाला जाते,
सुन टीचर की वानी है|
अक्षर अक्षर लिख लिखकरके
हमने लिखी कहानी है||
हम सब पढते लिखते है तो
माँ की वजती ताली है|
दादा दादी हमे प्यार से
,देते सुंदर गाली है||
हम ही बनते वीर सिपाही,
हम ही बनते माली है|
डाक्टर बनके दवा करे हम,
हम ही बने भिखारी है||
कर्मो का फल मिलता सबको,
हम सब ने ये जानी है|
कृष्णा जी ले इस दुनिया मे
दो दिन की जिंदगानी है||
कृष्णकांत गुर्जर धनौरा
तह-गाडरवारा(म.प्र.)