हायकु
स्वप्न सुन्दरी
छलावा यौवन का
नयन सुखी
समय गति
जीवन बुलबुला
आदि या यति
सबका दुख
मिले न सुख कहीं
दुख में सुख
अतृप्त मन
विदेशी परिवेश
उचाट स्वप्न
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव”,प्रेम”
स्वप्न सुन्दरी
छलावा यौवन का
नयन सुखी
समय गति
जीवन बुलबुला
आदि या यति
सबका दुख
मिले न सुख कहीं
दुख में सुख
अतृप्त मन
विदेशी परिवेश
उचाट स्वप्न
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव”,प्रेम”