हादसा जिन्दगी
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जिन्दगी कुछ नहीं हादसे के सिवा।
कुछ अच्छे, बुरे कुछ नशे के सिवा।
स्याह और सर्द दर्दों का है सिलसिला।
जन्म का हर्ष मृत्यु का हारा किला।
कुछ हंसने का पल गुदगुदा जाता है।
हर रुदन वेदना बुदबुदा जाता है।
गर्व करता रहा आकलन है तेरा।
नम्र मन करने आकुल वरन है तेरा।
है विजय के लिए छद्म छल से जीवित।
और पराजय में सुख ढ़ूँढ़ने से कुपित।
यह जीवन सरल बन जाता गरल।
इसलिए इसको जीना तो बिल्कुल संभल।
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