हाथ की लकीरें
मेरे हाथ की लकीरों में
छिपी हुई मेरी तकदीर है
कब क्या मेरे भाग्य में होगा
छिपी हुई इसकी तस्वीर है
जानते हो क्या एक बात आप
नहीं होते हैं हाथ जिनके
किस्मत की भी होती है
मेहनत के पल पर वो
लिखते अपनी तकदीर है
फिर क्यों बैठे हो तुम हाथ बांधकर
तेरे ही इन हाथों में तेरे आने वाले कल की तस्वीर है
छोड़ो तुम दुनिया की दुनियादारी को
मिलेंगे तुम्हें कई अच्छे कई बुरे लोग भी
मत चलना कभी तुम इन राहों पर
जो तुम्हें बर्बाद करें लाचार और खराब करें
क्योंकि किस्मत होती उनकी भी हैं
जिनके कभी हाथ ही नहीं होते