“हाथों की लकीरें”
“हाथों की लकीरें”
जिनके हाथ नहीं होते
वे लकीरों के अभाव में
क्या जिन्दा नहीं रहते,
और क्या
लकीर वाले हाथ
जख्मों की पीड़ा नहीं सहते?
“हाथों की लकीरें”
जिनके हाथ नहीं होते
वे लकीरों के अभाव में
क्या जिन्दा नहीं रहते,
और क्या
लकीर वाले हाथ
जख्मों की पीड़ा नहीं सहते?