हाइकु
हाइकु
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रहा जुनून
प्रभु से मिल कर
मिला शुकून
चाँद चमका
रजनी का चेहरा
निखर उठा
कुसुम खिला
माटी और नभ का
प्रणय मिला ।
सावन सूना
प्रिय राह तकतीं
सूजी अखियाँ ।
गरजे मेघा
महक उठी माटी
हर्षित धरा ।
कली अधर
मुहर लगा कर
मस्त भ्रमर ।
□ प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
साँकरा, जिला – रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
मो.नं. 7828104111