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28 Dec 2017 · 1 min read

हाइकु

मनीभाई के हाइकु….
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆

स्वर्ण बिछौना 
बिछाये धरा पर
रवि की रश्मि।
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆

आ चढ़ा जाये
अस्तित्व की हाजिरी
अल्प जीवन ।
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆

जन विस्फोट
अस्तित्व को खतरा
होगी तबाही ।
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆

शेष रहेंगे
प्लास्टिक की थैलियाँ
सृष्टि अंत में ।
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆

गुरू की दिशा
अमृत समतुल्य
पानी दे सदा।
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆

किस दौड़ में ?
घिसते कलपुर्जे
मानव यंत्र।
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆

जीवन चक्र
बिस्तर से बिस्तर
क्यूँ तुझे डर ?
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆

हो जा बेफिक्र
जलती दुनिया में
हो तेरा जिक्र ?
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆

नीचा दिखाये
तरस खा उनपे
तू ऊपर है।
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆

मृत्यु भोज है
दावत का पर्याय
क्या यह न्याय?
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆

दिल जज्बाती
पिघलता मोम सा
ना दीया बाती
◆◆◆◆●●●●●●◆◆◆◆
मनीभाई”नवरत्न”

Language: Hindi
614 Views

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