** हाइकु **
नेता चोर व चाई
लगते भाई भाई
गटबंधन की सरकार।।
आरक्षण का जोर
अज्ञानता चहुंओर
भ्रष्ट कुव्यवस्था।।
धर्म की दुहाई
गाढी कमाई
पाखण्ड।।
ज्ञान का प्रचार
शिक्षा का ब्यापार
कलयुग।।
आज की पढाई
नैतिकता की विदाई
मांसिक नग्नता।।
सिमटते परिधान
सिकुड़ते परिवार
नैतिक पतन।।
रक्षक भक्षक साथ
वहीं तो करता घात
वर्तमान व्यवस्था।।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”