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9 Jun 2017 · 1 min read

हाइकु

हाइकु
जल
उफ़ ये प्यास
चिलचिलाती धूप
सूखे हैं कूप।

बढ़ा संताप
हैं ताकते आकाश
जल की आस।

नीर अमि सा
मिश्री सा खरबूजा
पेय मधुर।

पानी जीवन
है वसुंधरा पर
ये वरदान।

जल अपार
मेघ लिए घूमते
पृथ्वी तरसे।

जल संचय
कर लो मिलकर
है ये जीवन।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 269 Views
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