हाइकु.. .
हाइकू-
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तुम और मैं
कागज की है कश्ती
दूर किनारा!
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पलकें गिरी
आँसू किये किनारा
तुम और मैं!
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साथ मिलता
रुकते कुछ पल
तुम और मैं!
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प्यारा संसार
साक्षी होता हमारा
सबका न्यारा!
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बाट जोहते
रोज चलते हम
होता किनारा!
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डूबते नहीं
आहिश्ते से सहारा
ऊपर किनारा!
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शालिनी साहू
ऊँचाहार, रायबरेली(उ0प्र0)