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1 Jun 2023 · 1 min read

हां माना की मैं अलग सी हूं

हां माना मैने आज की मैं थोड़ी अलग सी हूं,
कभी खूब गुस्से वाली कभी इमोशनल सी हूं,
पर हां सबकी लाडली भी हूं
सबकी फिकर करती हूं पर श्याद अपने लिए जीना भूल जाती हूं,
खुद से खुदके लिए कैसे जीते है शायद समझ ही नही पाती हूं
अपनी मुस्कुराहट इस दुनिया की भीड़ में पीछे छोड़ देती हूं
जिससे रिश्ता निभाती हूं दिलों जान से निभाती हूं
और हर दिलसे जुड़े इंसान के लिए रो भी जाति हूं
क्या करू यार मैं दिल की थोड़ी कमजोर हूं
इसलिए इमोशनल होकर अकेले रह जाती हूं

-Prachi verma

Language: Hindi
1 Like · 102 Views
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