Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

हवा का ख़ौफ़

हवा का ख़ौफ़ है पर ख़ुद को आज़माने दे
चिराग़ बुझ गए हैं जो मुझे जलाने दे

हयात यूंँ भी ज़मीनों से तंग है साक़ी
तेरी निगाह के प्याले में डूब जाने दे

ख़ुदा नवाज़ मुझे शक्ल परिंदे की फिर
किसी अनाथ की डाली पे चहचहाने दे

मुझे भी चाहिए मंज़िल का दर मगर पहले
मेरा ज़मीर गिरा है मुझे उठाने दे

2 Likes · 28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अंधेरा छाया
अंधेरा छाया
Neeraj Mishra " नीर "
चांद शेर
चांद शेर
Bodhisatva kastooriya
यहां कोई बेरोजगार नहीं हर कोई अपना पक्ष मजबूत करने में लगा ह
यहां कोई बेरोजगार नहीं हर कोई अपना पक्ष मजबूत करने में लगा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें
भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें
Shweta Soni
■ प्रणय_गीत:-
■ प्रणय_गीत:-
*प्रणय प्रभात*
"सन्देश"
Dr. Kishan tandon kranti
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
रेस का घोड़ा
रेस का घोड़ा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेवाडी पगड़ी की गाथा
मेवाडी पगड़ी की गाथा
Anil chobisa
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
Paras Nath Jha
चांद बिना
चांद बिना
Surinder blackpen
भुला ना सका
भुला ना सका
Dr. Mulla Adam Ali
गाना..... पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाए...........
गाना..... पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाए...........
Sonam Puneet Dubey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
लोग खुश होते हैं तब
लोग खुश होते हैं तब
gurudeenverma198
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
Shashi kala vyas
भरे मन भाव अति पावन....
भरे मन भाव अति पावन....
डॉ.सीमा अग्रवाल
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
2446.पूर्णिका
2446.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता
हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता
SPK Sachin Lodhi
प्रेम की परिभाषा क्या है
प्रेम की परिभाषा क्या है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है,
ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है,
Kalamkash
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
विडंबना
विडंबना
Shyam Sundar Subramanian
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
गुप्तरत्न
देख स्वप्न सी उर्वशी,
देख स्वप्न सी उर्वशी,
sushil sarna
Loading...