हर समय दिल को गर दुखाओगे
हर समय दिल को गर दुखाओगे
रिश्ते फिर किस तरह निभाओगे
दूर बैठे हो पास तो आओ
और कब तक हमें सताओगे
राख हो जाएंगे विरह में हम
तुम अगर लौटकर न आओगे
हमसे कहते हो भूलने को तुम
क्या हमें तुम भुला भी पाओगे
याद हम जब भी आएंगे तुमको
प्रीत के गीत गुनगुनाओगे
मत सनम कहना हमको पत्थर दिल
टूटे तो जोड़ भी न पाओगे
एक वादा तो करते जाना तुम
‘अर्चना’ को नहीं भुलाओगे
08-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद