हर शख्स अब मुझसे दूर हुआ जाता है।
दिल क्यों ये मगरूर हुआ जाता है।
तेरे इश्क पे अब गुरूर हुआ जाता है।
लिखी जो चंद ग़ज़लें तुम पर फिर;
शायर ये देखो मशहूर हुआ जाता है।
दिखते हो हर जगह अब तुम ही तुम;
तेरे प्यार का यूं सुरूर हुआ जाता है।
तेरे गुलाब को संभाला है आज भी मैंने;
हर शख्स अब मुझसे दूर हुआ जाता है।
यूं शख्सियत हमारी अब निखरने लगी ;
चेहरे पर अजब सा नूर हुआ जाता है।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !