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6 Jun 2023 · 1 min read

हर वक़्त तुम्हारी कमी सताती है

हर वक़्त तुम्हारी कमी सताती है
सुनो तुम्हारी बहुत याद आती है

जब से गए हों तुम घर को छोडकर
जिंदगी अब वीरान हुयी जाती है

क्या किया तुमने ये फैसला… क्यूँ किया
क्या तुम्हें हमारी याद नहीं आती है

उम्र के इस मोड़ पर हमे तन्हा कर गये तुम
यू लगता है जिस्म तो है मगर जान निकली जाती है

अब क्या करे हम कुछ कर भी तो नहीं पाते है
घुलते है अन्दर ही अन्दर कुछ कह नहीं पाते है

दिल में इस बात की कलक होती है अक्सर
मुहब्बत को आखिर क्यों मुहब्बत नहीं मिल पाती है

रहतीं जिंदगी तक हमेशा तुम्हारे लिए दुआ ही दुआ है
देखो अब ये जिंदगी कहा लेके जाती है

हम कहा सदा रहने वाले है इस दुनिया मे
देखते देखते बस बाते यादें बन के रह जाती है………..shabinaZ

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