Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2024 · 1 min read

हर पल तेरी याद

हर पल तेरी याद , दिल को तड़पाए।
तेरे बिन पल भर भी मोहे चैन न आए।

सितम इसने हम पर बहुत किये जात
सारी सारी रैना ये हमें हमेशा जगाए।

रख कर तरतीब में जिंदगी के टुकड़े
सोच रहे हैं शायद तू‌ लौट आए।

वफ़ा मेरी का अच्छा सिला तूने‌ दिया
बेवफाई के इल्ज़ाम हम पर लगाए।

जीवन की सांझ मे बैठे हैं अकेले
कौन अब आकर आखिर हमें समझाए।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
सलाह के सौ शब्दों से
सलाह के सौ शब्दों से
Ranjeet kumar patre
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
शिव प्रताप लोधी
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम प्यार मोहब्बत समझती नहीं हो,
तुम प्यार मोहब्बत समझती नहीं हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
Vivek Mishra
*आदमी यह सोचता है, मैं अमर हूॅं मैं अजर (हिंदी गजल)*
*आदमी यह सोचता है, मैं अमर हूॅं मैं अजर (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
" फरेबी "
Dr. Kishan tandon kranti
ख्वाब जब टूटने ही हैं तो हम उन्हें बुनते क्यों हैं
ख्वाब जब टूटने ही हैं तो हम उन्हें बुनते क्यों हैं
PRADYUMNA AROTHIYA
सज गई अयोध्या
सज गई अयोध्या
Kumud Srivastava
** सपने सजाना सीख ले **
** सपने सजाना सीख ले **
surenderpal vaidya
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
Rj Anand Prajapati
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🎉 🎉
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🎉 🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
Jitendra Chhonkar
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
नमन वंदन सदा करता।
नमन वंदन सदा करता।
अरविंद भारद्वाज
🙅राज्य के हित के लिए🙅
🙅राज्य के हित के लिए🙅
*प्रणय प्रभात*
चलो गांव को चले
चलो गांव को चले
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3681.💐 *पूर्णिका* 💐
3681.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नवरात्रि के इस पावन मौके पर, मां दुर्गा के आगमन का खुशियों स
नवरात्रि के इस पावन मौके पर, मां दुर्गा के आगमन का खुशियों स
Sahil Ahmad
कुछ तो बाकी है !
कुछ तो बाकी है !
Akash Yadav
अपने किरदार को किसी से कम आकना ठीक नहीं है .....
अपने किरदार को किसी से कम आकना ठीक नहीं है .....
कवि दीपक बवेजा
STABILITY
STABILITY
SURYA PRAKASH SHARMA
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फासलों से
फासलों से
Dr fauzia Naseem shad
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
Sonam Puneet Dubey
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
Loading...