हर पल तेरी याद
हर पल तेरी याद , दिल को तड़पाए।
तेरे बिन पल भर भी मोहे चैन न आए।
सितम इसने हम पर बहुत किये जात
सारी सारी रैना ये हमें हमेशा जगाए।
रख कर तरतीब में जिंदगी के टुकड़े
सोच रहे हैं शायद तू लौट आए।
वफ़ा मेरी का अच्छा सिला तूने दिया
बेवफाई के इल्ज़ाम हम पर लगाए।
जीवन की सांझ मे बैठे हैं अकेले
कौन अब आकर आखिर हमें समझाए।
सुरिंदर कौर