हर दिन माँ के लिए
माँ के लिए कोई विशेष दिन नही बन सकता
क्योंकि हमारा हर दिन माँ का ही तो दिया है।
माँ से ही तो बेटियों का मायका होता है ।
माँ से ही बेटियों का मान सम्मान होता है।
माँ ही बरगद की छाव जैसी होती है।
जो बेटियों को दुख में भी हिम्मत देती है।
हर सुख दुख को महसूस कर ले,
वो माँ होती है।
बच्चों के चेहरे को जो पढ़ ले,
वो माँ होती है।
खुद भूखी रह ले पर बच्चों को भोजन दे,
वो माँ होती है।
भले ही सारी दुनियाँ साथ छोड़ दें पर
गलती पर भी जो न छोड़े
वो माँ होती है।
खुशनसीब होते है वो लोग
जिनके साथ माँ होती है।।
संध्या चतुर्वेदी
मथुरा, उप