हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
कमज़ोर न बनने दो , हथियार उठा लो तुम ,
कमज़र्फ बने मर्दों के ,सर को झुका दो तुम,
बेटी के मुक़द्दर को, लिल्लाह बचा लो तुम ।
✍️नील रूहानी
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
कमज़ोर न बनने दो , हथियार उठा लो तुम ,
कमज़र्फ बने मर्दों के ,सर को झुका दो तुम,
बेटी के मुक़द्दर को, लिल्लाह बचा लो तुम ।
✍️नील रूहानी