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11 Jul 2024 · 1 min read

हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है

हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
आँख तेरी बता दे तर क्यों है

जिसने दी है तुझे सदा ही छांव
आज खलता वही शजर क्यों है

तुझको मंज़िल अगर यही पानी
रोकता अपना तू सफ़र क्यों है

है नहीं राबता अगर मुझसे
तो जिधर मैं हूँ तू उधर क्यों है

है न गलती अगर कोई तेरी
फिर झुका शर्म से ये सर क्यों है

जब किसी की भी है नहीं परवाह
फिर ज़माने का तुझको डर क्यों है

तेरी खातिर मिटा दिया खुद को
तू खफ़ा फिर भी इस कदर क्यों है

लाख कोशिश के बाद भी अब तक
हर दवा तुझ पे बेअसर क्यों है

‘अर्चना’ जब सबूत हैं सारे
फिर बता ये अगर मगर क्यों है

डॉ अर्चना गुप्ता
11.07.2024

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 81 Views
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