हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा ।
मन भर तिरंगा ।।
उड़ता गगन में ।
फर फर तिरंगा ।।
है रक्त बहता ।
भर भर तिरंगा ।।
हर रूह के है ।
अंदर तिरंगा ।।
बसता दिलों में ।
दिलबर तिरंगा ।।
वीरों तुम्हारा ।
बिस्तर तिरंगा ।।
——अश्विनी
(मोतीहारी)