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10 Jul 2020 · 1 min read

हर किसी को राजे दिल, बतलाया नहीं जाता

एक ही नगमा, हर साज पर गाया नहीं जाता
एक ही धुन को, हर वक्त बजाया नहीं जाता
वक्त मुकर्रर है, हर राग को गाने के लिए
हर वक्त किसी राग को, गाया नहीं जाता
मौका ए वक्त पर, नज्म सुनाई जाती है
मुलायजा बिना महफिल के, फरमाया नहीं जाता
संभाल कर रखना, राजे दिल सुरेश
हर किसी को, राजे दिल बतलाया नहीं जाता

10 Likes · 6 Comments · 320 Views
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