हर एक से छूटा है राहों में अक्सर…….
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर…….
मंजर हर एक को नसीब न हुआ……..!
जिंदगी भर कोई बटोरता रहा खुशियां…
किसी को कफन भी नसीब ना हुआ…।।
✍️कवि दीपक सरल
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर…….
मंजर हर एक को नसीब न हुआ……..!
जिंदगी भर कोई बटोरता रहा खुशियां…
किसी को कफन भी नसीब ना हुआ…।।
✍️कवि दीपक सरल