हर एक रूह को जन्नत अता कर
1.
हर एक रूह को जन्नत अता कर
ऐ मेरे खुदा
हर एक शख्स फ़रिश्ता बन
तेरी राह पर चले
2.
बख्शीश के तौर पर
बंदगी अता कर मुझको
खुद को कर रोशन
तेरी आँखों का नूर हो सकूं
1.
हर एक रूह को जन्नत अता कर
ऐ मेरे खुदा
हर एक शख्स फ़रिश्ता बन
तेरी राह पर चले
2.
बख्शीश के तौर पर
बंदगी अता कर मुझको
खुद को कर रोशन
तेरी आँखों का नूर हो सकूं