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31 Mar 2024 · 1 min read

हर एक राज को राज ही रख के आ गए…..

हर एक राज को राज ही रख के आ गए…..
हम कई जगह हथेली पे जान रख के आ गए

मत्सलाह यह था की पगड़ी संभालती थी..
यह सोचकर हम बहुत आगे आ गए……. |

✍️☑️ 🅳🅴🅴🅿🅰🅺 🆂🅰🆁🅰🅻

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