हर आईना मुझे ही दिखाता है
हर आईना हमेशा मुझे ही दिखाता है
जिसमें देखूँ मेरा अक्स नजर आता है
कोई दिखाता है मुझको ये सूरत मेरी
हाल-ए-दिल कोई कभी नहीं सुनाता है
कोई दिखाता है मेरी खूबियाँ मुझको
मेरी कमियाँ भी कभी नहीं छिपाता है
कोई दिखाता है मुझको मेरे अवगुण
दिल है पाक मुझको ये भी जताता है
असली आईना”विनोद”है जहाँ सारा
हर एक राज दुनिया के ये दिखाता है
स्वरचित
( V9द चौहान )