हरियाली
चाँद तारे और गगन,
फूल खुशबू और पवन,
गा रहे मिलकर गीत,
कितनी सुहावनी यह प्रीत,
कर रहे भौरें गुंजन,
झूम उठा आज निर्जन,
देखो नाच रहा मयूर,
रंग बिरंगे पंख रहा बिखेर,
कितनी सुंदर हैं कोयल,
सुन सुर हो रहे कायल,
ऊंचे ऊंचे झरनों से गिरता जल,
कितना मनोहर सुना रहा कल कल,
फैली हरियाली लगे सुंदर धरा,
जहाँ देखो वहाँ हरा ही हरा,
।।।जेपीएल।।।