‘हरियाली तीज’
‘हरियाली तीज’
सजना-सजना ओ सजना!
सजनी को सजना के लिए है सजना।
बिंदिया बिछुए और पैजनिया,
पहनूंगी कलाई में तो प्यारा कंगना।
घिरी है गगन में घटा कारी-कारी,
धरती भी सजी है पहन हरी सारी।
आज मोहे तुम मत तंग करना,
सजनी को सजना के लिए है सजना।
तीज का त्योहार बड़ा है
हरियाला,
साजन का मन भी हुआ है मतवाला।
बगिया में झूले पर झूले बहना,
सजनी को सजना के लिए है सजना।
लाल -लाल मेहदी खिल गई हाथ में,
सजनी संग सजना भीगे बरसात में।
प्रीत ही जगत में है सच्चा गहना,
सजनी को सजना के लिए है सजना।
घेवर की घर-घर सजी है मिठाई,
बहना को लेने घर आ गया भाई।
सजना का छिन गया जैसे चैना,
सजनी को सजना के लिए है सजना।
सजना-सजना ओ सजना,
सजनी को सजना के लिए है सजना।