हरियाणा के कलमकार
हरियाणा के कलमकार
हरियाणा के लोग भोले भाले , दूध दही खान पीण मैं राख्ये ध्यान |
गीत , कहानी , रागनी , कविता , दोहे , ऋतुजा से इसकी पहचान ।।
मेरा हरियाणा हमेशा संतो का नाथो का , पीरों का , फकीरों का व बड़े – बड़े महापुरूषों को रहा है । इस प्रदेश के प्रत्येक आदमी को संत की भावना से देखा जाता है । हरियाणा में बड़े – बड़े महर्षियों , मुनियों , साधुओं की तपस्या स्थली रहा है । यहां पर संतों की भूमि कहा जाता है । हरियाणा के कुरुक्षेत्र की भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया । यह भूमि साहित्य व साहित्यकारों से भरी पड़ी है । यहां के साहित्यकार काफी प्राचीन समय से अपनी रचना लिखने लग गये थे । यहां के साहित्यकार अपनी अंतर्मुखी भावना , यर्थाथपूर्ण और सत्यता की घटनाओं को अधिक बार दर्शाया गया है । हरियाणा में जितने भी महापुरूषों का जन्म हुआ है वह सिर्फ और सिर्फ दूसरों की भलाई के लिए लिया है और उन्हें प्रण किया है कि अच्छी जिन्दगी जीओ और दूसरों को भी अच्छी जिन्दगी जीने दो । हरियाणा प्रदेश की भाषा मूलत हरियाणवी है । लेकिन इसका असली रूप रोहतक , सोनीपत , गोहाना , जीन्द , झज्जर , पानीपत के क्षेत्र में देखने को मिलता है । बाकि सभी जगह मिलावट की भाषा बोली जाती है । जिसमें हिन्दी और हरियाणवी है । पंजाब से लगते इलाके में पंजाबी , उत्तर प्रदेश से लगते इलाके में उर्दू व राजस्थान से लगते इलाके में राजस्थानी भाषा का प्रकोप ज्यादा है । लेकिन जो हरियाणवी बोली है वह बोली हिन्दी व संस्कृत से भी प्राचीन भाषा बताई लेकिन इसको भाषा का दर्जा नहीं मिला है । इस भाषा को प्राचीन साहित्यकार कौरवी भाषा कहते है । आज हम इसको एक खड़ी बोली के रूप में देखते है । हरियाणवी बोलचाल और श्रुति के रूप में इसका साहित्य के रूप में अनुमान लगाना काफी कठिन है । हरियाणवी बोली के भी हम हिन्दी भाषा की तरह तीन भागों में भाग सकते है । आदिकाल , मध्यकाल व आधुनिक काल आदिकाल में इससे भरे ग्रंथ जितने भी है वो सब हरियाणवी में मिले है । मध्यकाल अर्थात भक्तिकाल में हरियाणा का साहित्य खूब तरक्की में मिला । इसके बाद रीतिकाल से आधुनिक काल तक अनेक प्रमुख साहित्यकार हुए है । इसके साथ – साथ हरियाणा के साहित्यकारों ने खूब उन्नति की । जो कि उस समय के साहित्यकार सत्यदेव वशिष्ठ , छाजूराम शास्त्री , स्वामी हरिदास , पुष्पदेत , कवि सुधारू , मालदेव , चौरंगी नाथ , हर्षवर्धन , बाण भट्ट . बाबा मस्तनाथ , हरदेदास , गुलाम कादिर , संत गरीबदास , माधवाचार्य शास्त्री , जैतराम , बाबू बाल मुकुंद गुप्त शिवनारायण शास्त्री , विशम्बर दास पानीपती , शुगनचंद रोशन , माधव प्रसाद मिश्र,अल्ताफ हुसैन हाली आदि ।
हरियाणा के साहित्यकारों की विशेष कड़ी जो हमेशा हरियाणवी में लिखते थे । जिन्होंने हरियाणवी भाषा को बड़ा महत्व दिया है , श्री हरिकेश पटवारी , रामस्वरूप सीटावली , जगदीश चन्द्र ऐचरा वाले , सूर्य कवि पंडित लख्मीचन्द जाटी वाले , बाजे भगत नाई सिसाना वाले , पण्डत नन्दलाल , पण्डत भोलेराम श्री मांगेराम गांव सिसाना के जो बाद में पाण्ची गांव अपने मामा के घर में रहे । श्री शंकर दास , धनपत मिरासी निन्दाना गांव के श्री नन्द किशोर शर्मा , देवी कृष्ण प्रभाकर पण्डत दीपचन्द मायना वाले , हरदेवा स्यामी , रामकिशन व्यास नारनौंद , बालकिशन नारनौंद , चन्द्र बादी , पण्डत बस्ती राम , मुंशी राम जांडी वाला , केदारनाथ सांगी अलेवा वाले , किशन लाल भाट , जाट मेहर सिंह , पण्डत राम प्रसाद , पण्डत माईराम अलेदा , पण्डत ज्ञानीराम अलेवा , पण्डत जगन्नाथ समचाना , पण्डत तारा चन्द विलक्षण , पण्डत ऋषी लाल जुलाना व बुआना जुलाना के पास गांव के महशूर सांगी रहे है । जिनका नाम पण्डत मुंशी राम है । पण्डत चन्दू लाल , पण्डत सर्वस्वरूप , हरध्यान सिंह चौधरी , चौधरी जयप्रकाश महम के पास गांव भैणी महाराजपुर के , सुलतान रोहट , पण्डत रतिराम , पण्डत नाई चन्द , सोहन लाल , कुंडलवाला , बालकराम , बंसी लाल , अलीवख्स , पण्डत नेतराम , राम लाल खटीक , जियालाल मिराशी बुआना ( जुलाना ) के , पण्डत स्वरूप चन्द आदि मशहूर सांगी व नामी ग्रामी सांगी रहे है । जिन्होंने अपने सांग हरियाणवी भाषा के माध्यम से साहित्य को ऊपर उठाया साहित्य को उन्नत बनाया । उपरोक्त साहित्यकारों ने अनेक पोराणिक , ऐतिहासिक , सामाजिक और अन्य काल्पनिक कथाओं पर अपने सांगों की रचना की । इन्होंने हरियाणा में प्रचलित किस्से राजा हरिशचन्द्र , सत्यवान सावित्री , पूर्णमल भक्त ध्रुव भकत , शकुंतला दुष्यंत , नल दमयन्ती , पूर्णमल महाभारत , कृष्ण जन्म , कृष्ण सुदामा , नरसी भात , नरसी का भात ( रामस्वरूप सिटावली की रचना ) , द्रोपती चीर हरण , जलकरण , अंजना पवन , चापसिंह सोमवती , अजीत सिंह राजबाला , लीलो चमन , पदमादत , वीर विक्रमाजीत ( खाण्डोराव परी ) रूप बसंत , सुभाष चन्द्र बोस ( कंवल सिंह भजनी गांव मसुदपुर हिसार के रचना कार ) व अन्य द्वारा भी रचित , उधम सिंह , भगत सिंह , हरफूल जाट जुलानी वाला , सरवर नीर , सती विपोला आदि मशहूर सांग रहें । इनके अलावा रामायण , महाभारत आदि को भी हरियाणवी भाषा का प दिया । इसके अन्दर लोक व्यवहार व समाज सुधारवादी बातों का उल्लेख विस्तृत रूप से देखने को मिलता है ।
हरियाणा के गद्य साहित्यकार भी प्रमुख है हरियाणा में उनका योगदान भी बड़ा है । हरियाणवी साहित्यकारों में उपन्यास कार श्री राजाराम शास्त्री , राजेन्द्र मानव , रामफल जख्मी, रामफल चहल , अमृत लाल मदान , मोहन चोपड़ा , मुधकांत आदि । हरियाणा के जो यशस्वी साहित्यकारो में जो विशेष प्रकार से डा ० जयनाथ नलिन , डा ० हरिशचन्द्र , प्रो ० उदय भानु हंस , खुशीराम, डा ० रत्न चन्द्र , डा ० भगवान दास निर्मोही , पुरुषोत्तम दास , निर्मल , रामेश्वरदास गुप्त, खण्डेलवाल तरुण ‘ डा ० चन्द्र त्रिखा , डा ० लिलाघर वियोगी , डा ० सुभाष रिस्तोगी , माघव कौशिक , जैमिनि हरियाणवी , ओमप्रकाश चौहान ( जीन्द ) . डा ० एम ० पी ० भारद्वाज , पूरण मुदगिल , डा ० श्याम सखा श्याम , हरेराम समीप , डा ० सारस्वत , मोहन मनीषी , घमंडी लाल अग्रवाल , डा ० रामनिवास मानव , डा ० अशोक बत्रा , विकास शर्मा , ‘ राज ‘ , देवराजपूरी दिलबर , राजेन्द्र गौत्तम , सुधा जैन , श्री रूपदेव गुण , किरण मल्होत्रा , ताराचन्द प्रेमी , जगवीर राठी , राजकिशन नैन , रामफल चहल , रामसिंह बीवीपुर , राजेश कौशिक , ( सम्पादक शिक्षा व धर्म संस्कृति व हरियाणा पत्र ) , श्री हरि सिंह दिलबर , राणा प्रताप , जगदीप राठी , असीम राणा , डा ० गुमित , भारत भूषण सांधीवाल , मदन गोपाल शास्त्री , रोहताश बहबलपुर , सुशीला बहबलपुर , श्रद्धानन्द राजली , राजकुमार राजली , ऋषिकेश राजली , मन्जु बाड़ोपट्टी , मदन गोपाल शास्त्री महेन्द्र जैन , डा ० सुरेश गौतम , हेमन्त्त अत्री , नरेन्द्र कुमार , उपमन्यु , ज्ञान प्रकाश , कवल नयन कपूर , बलवीर राठी , राजबीर देशवाल , राजेश दलाल , डा ० रणबीर दहिया , सत्यपाल गुप्त , कमलेश भारतीय , डा सुभाष चन्द्र कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, दिनेश दधीचि,डा ० मुक्ता , भगवान दास मोरवाल , शकुन्तला , सुशील अग्रवाल ( नरवाना ) , देश निर्मोही आदि शामिल है । हरियाणा में बाल साहित्य में जिनका विशेष योदान है धर्मपाल गुप्त , सुरेन्द्र वर्मा , केशद चन्द्र , महेन्द्र जैन , डा ० सतवीर मानव , विवेक निझावन , डा ० प्रकाश मनु , सत्यापाल स्वप्न , ओमप्रकाश चौहान , नरेन्द्र अत्री , केवल कृष्ण पाठक , कमल कपूर , अजूदुआ जैमिनि , मनोज दश , रेणू गौड , प्रदीप शर्मा आदि इनके अलावा जो मशहूर साहित्यकार रामशरण युयुत्सु स्व ० सहदेव समर्पित , राम अवतार अभिलाषी , मदन लाल मदन , मंगतराम शास्त्री , श्री चन्द्र भानु आर्य , लक्ष्मण सिंह , महासिंह श्योराण , भारती कैथल,रितु रूम,रामधारी खटकड़ , रामफल खटकड़ , गणेश कौशिक , बाल मुकुन्द भोला , हरबंस रल्हन , जैनेन्द्र गुप्त , राजेन्द्र जैन , देवराज आर्य , अशोक नूर,महावीर सिंह दुखी , सुरेश शास्त्री , सुनील सैनी सीना , भा ० बलवीर सैणी , सुदेश सिवाच , मंजु रेढू , संगीता बैनीवाल अशोक भाटिया,करम चंद केसर,रोजेश कैथल, दिलबाग अकेला, विनोद सिल्ला, सुरजभान पातलान आदि है ! त्रिलोक हरियाणावी एवं हिन्दी के पत्र पत्रिकाओं में आज कल हरियाणवी साहित्य खूब लिखने व छापने लगे । जिसमें सोनीपत के उपरोक्त के अलावा अनेक साहित्य कार है । जो कि गोहाना से वेदप्रकाश शास्त्री , अशोक गोयल , सत्यवान नावड़ , पायल गुप्ता , महा सिंह पूनिया, शशिकांत गोयल , डा ० गजराज , पायल आर्य , रोहताश खनगवाल , महेन्द्र भट्टी , सुरेश सेतिया , कृष्ण लाल नावड़ , सोनी प्रसाद , प्रभा शर्मा , राजेश कुमार लठवाल , कुमारी सविता मदान , ओंकार बादशाह , कृष्ण चन्द्र शर्मा , अनुराधा , साहिल जागंडा , सुशील जांगड़ा , सतबीर धनाना , दिवाने अशोक गोयल , सुरेन्द्र विश्वास , शिव कुमार वशिष्ठ , रामफल शर्मा , राममेहर मेहला , सत्यनारायण वशिष्ठ , कृष्ण वत्स , सी ० एल ० कथूरिया , उषा गंगनेजा , रामकिशन अग्रवाल , । शिल्कराम मलिक , खान मनजीत भावड़िया मजीद, कपिल भारद्वाज, के ० सी ० अरोड़ा , नफे सिंह पलखन , आशिक ‘ राजू, अवधेश बाबू शर्मा, , रविन्द्र सांगवान रवि, विजय रहेजा , अनिल शरफरोश , आशीष गोयल आदि गोहाना के साहित्यकार है इनके साथ – साथ जो सोनीपत से है वे देशराज कैफ , एस ० आर ० धवन , डा ० मधुकांत , प्रो ० श्यामलाल कौशल , रामकिशन राठी , दया लाठिया , अशोक , बरोदा , नरेश मिश्र , नरेश प्रेरणा , शामसजन पाण्डेय , विरेन्द्र मधुर , रामकुमार गहलौत , डा ० मंजीत , डा ० कपील कौशिक , ललिता भाटिया , डा ० पूर्ण चन्द्र शर्मा , भारत भूषण सांधीवाल , रामनिवास गुप्त , बी ० एस ० मलिक , आशा खत्री ‘ लता ‘ , डा ० रमाकांत , मनोज हुड्डा , नीरज रत्न बंसल पत्थर , डा ० चन्द्रदत्त शर्मा ‘ ब्राह्मणवास ‘ , पवन मितल , डा शील कौशिक, अजय सिंह राणा, नफे सिंह कादियान, अहमद सिद्दीकी मेव,डा सुभाष चन्द्र कुरुक्षेत्र, मंजुल पालीवाल , आशुतौश कौशिक , पवन गहलौत , राजेश कश्यप , राजकुमार शर्मा , शीलक राय जांगड़ा , हरिशचन्द्र वर्मा , जय सिंह खाना,सतीश कंवारी, मंजु अग्रोहा, न्यामत सिंह जैन , तिलक राज ‘ तिलक ‘ , कृष्ण कुमार , आशीष मुगाण , सुरेश सिहल , अंजना गर्ग , अर्चना कोचर , अंकुर अरोड़ा , बृज किशोर प्रजापति , राजल गुप्ता , स्वप्नीला अगधी ‘ प्रेहलिका , राजेन्द्र सिंह , सोमेश , देशराज , देवकी नन्दन , जगत सांधी , जयदीप , जनार्दन शर्मा , प्रकाशवीर सिन्धु , अशोक जैन , केवल कृष्ण पाठक , धीरा खण्डे वाल , वेदव्रत शास्त्री , मनोज प्रभाकर , सतीश कौशिक , हरबस लाल खट्टर , चन्द्रमान आर्य , राज सिंगल , जोगिन्द्र सिंह नहरा , नवल पाल प्रभाकर , मदन गोपाल शास्त्री , चन्दन वाला जैन , राधेश्याम शुक्ल , स्व ० रघुवीर गुप्ता ‘ अनाम ‘ , ओम प्रकाश शर्मा दिलवर , कमलेश भारती , शुभकरण गौड़ , रेनू गौड़ , विरेन्द्र कौशल , सुरेश भारती नादान , राजेश सरदाना , ऋषि सदसेना , सतीश कांटीवाल, विकास साल्याण, हर भजन रहेजा , कमलेश मलिक , ए ० वी ० भारती , प्रेम भुटानी , परमानन्द बेधड़क , आर ० के ० सेतिया , डी ० एन ० आहूजा , चन्द्रमान मिढा , सनम दहिया , कमर रईस , महेन्द्र सरोहा , शांता जैन , कमल पुट्टी , रमेश चन्द्र भावड़ आदि इनके अलावा जो मदन भारती , राजेश , रामकुमार जुआ , सोहनदास ,जयप्रकाश लुदाना , राजकुमार , प्रमोद गौरी , हवा सिंह चहल मदनहेड़ी , मनमोहन , शोभा , ओम सिंह अशफाक , ओमप्रकाश ग्रेवाल , अशोक गुणिया , जगदीप राजथल , शमशेर टैम्पू , प्रवीण सिंह फकीर ‘ सुमित सातरोड़ , विकास सातरोड़ मुनीष भाटिया ‘ घायल ‘ , सावित्री वशिष्ट , सरिता बाड़ोपट्टी , मंजू वर्मा खेड़ी वर्की , निलम किराड़ा , कल्याण जी , निर्मल विकास निडाना , जयसिंह खानक , सतीश कवारी , सत्यवीर नाहड़िया डॉ ० मुस्तमीर , मनजीत भोला, जयपाल अम्बाला, अंजलि सिफ़र, डा ० अय्युब खान , डा ० मोहमद नुमानी , रमेश चन्द्र पुहाल पानीपती , खालिद नजीम , महेन्द्र प्रताप चांद , डा ० कुमार पानीपती , पी ० एन ० डा ० सुलतान अलजुम , सरदारी लाल धवन चमन , डा ० नपत अम्बालवी , नासाद फरीदाबाद , डा ० राणा गनौरी , वी ० डी ० कालिया हमदम , आदि मशहूर साहित्यकार हुए । इसके अलावा लगभग हरियाणा के भिवानी , हिसार , सोनीपत , सिरसा , पानीपत , अम्बाला , रेवाड़ी , जीन्द , फरीदाबाद , गुड़गांव लगभग सभी जगह से साहित्यकार लिए गए है । रमेश राज , औरंगावादी मंच में प्रस्तुती देने वाले सम्पूर्ण भाई कंवल सिंह , रामफल शर्मा देव रोड वाले , रामफल चहल , महावीर गुड्डू , नरेन्द्र बलहारा , राजेश सिंह पूरिया , रामकरण ढाकलिया , राममेहर रांडा , अमित सैनी रोहतकिया,प्रिंजल दहिया, गुलजार छानीवाला,रामधन , मा ० सतवीर , रणवीर बड़वासनिया , महेन्द्र ढीगाना , विकास निडाना , कुलदीप निडाना , पाले राम दहिया , बाऊराम दहिया , राजकिशन अगवानपूरिया , नरेन्द्र दांगी , राजेन्द्र खरकिया , वीरपाल खरकिया , महेन्द्र झण्डू , सुरेन्द्र रोमियो , प्रहलाद फागणा , नरेश छपरा , कृष्ण डुडवा , कुलवीर दनौदा , सुरेश पूनिया , दर्शन लाल भावड़ , बलवान सिंह भावड़ , रणवीर सिंह भावड़ , कृष्ण लाल भावड , सोनू खाती भावड़ , रमेश मिराशी ( भावड़ ) कर्मवीर भावड़िया , विजय वर्मा , आजाद सिंह खाण्डा खेड़ी , रमेश कलावडिया , कर्मवीर फौजी , विकास पासोहरिया , नरेन्द्र कौशिक , ईश्वर लाठर लजवाना , आदि हरियाणा की महिलाएं भी मंच पर कम नहीं है । ज्योति कौशिक जीन्द , राजबाला , नीलम चौधरी , पासी नय्यर , रितु कौशिक , निशा जांगड़ा , ज्योति चौहान नरवाना , बीनू चौधरी , सरिता चौधरी , हेमलता , कुमारी टीना , रेखा गर्ग रोहतक , कृष्णा , मधु शर्मा , सपना चौधरी आदि महिलाएं आज पूरे हरियाणा में प्रख्यात है । हिसार जिले से प्रमुख साहित्यकार , दीपक माहिल , जगबीर ढाणा , कमलेश ज्ञानज , धनश्याम माहिया , विकास बिश्नोई क्यूट , संजीव कुमार मौसम , सुरेश भारती नादान , पवन कुमार , संजय सागर , सुनील कुमार , बलजीत बनाम , दर्शना पाहवा ,डाॅ प्रो सूरजभान,डाॅ ओमप्रकाश ग्रेवाल,डाॅ रविन्द्र गासो कुरूक्षेत्र,डाॅ राजेन्द्र बडगूज्जर ,डाॅ राजवार पराशर कैथल,कमलेश शर्मा कैथल, कुलदीप किठाना, विनोद पनिहारी, सोनू राखी, सतबीर सिंह गोस्वामी,जानू राखी,प्रदीप कासनी,गुलशन मदान कैथल गजलकार,
तारा पांचाल जी कुरूक्षेत्र,हरिकेश पटवारी,चसवाल साहब,कृष्णा आंचल चीका,अंग्रेज सिंह अलेवा जींद,डाॅ मंजीत राठी रोहतक,सतबीर नांगल,दीपा,सतीश,मुकेशयादव,अविनाशसैणी,सुरेखा,दीप्ति,राजकुमार,सतनाम,भारती रोहतक,खुशबू खान , राम भज , अवतार पाराशर , कुलदीप कुमार , सदोष हिसारी , रघवीर अनाम , रविन्द्र रामजादा , जयभगवान लाडवाल , मनोज मुदगिल , सत्यवान सौख , कृष्ण बामला , महाबीर मिरासी निजामपुर , जग्गी धनाना , मटरू उर्फ कपूर सांगी धनाना भिवानी के नाम सदा इस हरियाणा की बुलन्दीयों को छुएंगे । इनके अलावा हरियाणा में बहुत बहुत बड़े – बड़े व मशहूर साहित्यकार है जिनका मुझे पता न होने कारण मुझ से छूट गए है । मैं हरियाणा के उन सभी साहित्यकारों से अनुरोध करता हूं कि जिनके नाम इस लेख में मुझे से छूट गये है वे कृपा मेरे पते पर सूचित करने का कष्ट करें ताकि अगले लेख में उनके नामों को शामिल कर सकू । मुझे लगता है कि हरियाणवी भाषा भी अपना इस संसार में झण्डा गाड़ेगी और पूर्ण रूप से कामयाबी हासिल होगी । आज के साहित्यकारों के लिये बहुत सुनहरा मौका है ।
खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड़ , तह ० गोहान जिला सोनीपत