Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2024 · 1 min read

*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद

हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद)
_________________________
हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है
सावन में त्यौहार तीज का, हरिमय हरीतिमा जारी है
वर्षा की बूॅंदे पड़ती हैं, झूला खुद गाना गाता है
हरे-हरे परिधान पहनकर, जग यह उल्लास मनाता है

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
आँचल की मर्यादा🙏
आँचल की मर्यादा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*छाया कैसा  नशा है कैसा ये जादू*
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मत कुचलना इन पौधों को
मत कुचलना इन पौधों को
VINOD CHAUHAN
*मन के भीतर बसा हुआ प्रभु, बाहर क्या ढुॅंढ़वाओगे (भजन/ हिंदी
*मन के भीतर बसा हुआ प्रभु, बाहर क्या ढुॅंढ़वाओगे (भजन/ हिंदी
Ravi Prakash
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
3888.*पूर्णिका*
3888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🌙Chaand Aur Main✨
🌙Chaand Aur Main✨
Srishty Bansal
राहों से हम भटक गए हैं
राहों से हम भटक गए हैं
Suryakant Dwivedi
सच का सौदा
सच का सौदा
अरशद रसूल बदायूंनी
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
Ashwini sharma
"कीमत"
Dr. Kishan tandon kranti
सच
सच
Neeraj Agarwal
अक्सर मां-बाप
अक्सर मां-बाप
Indu Singh
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
कवि रमेशराज
प्यार अक्सर झूठा ही होता है,
प्यार अक्सर झूठा ही होता है,
Ajit Kumar "Karn"
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
शेखर सिंह
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
Mamta Rani
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
Shweta Soni
प्रेम न तो करने से होता है और न ही दूर भागने से प्रेम से छुट
प्रेम न तो करने से होता है और न ही दूर भागने से प्रेम से छुट
पूर्वार्थ
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तेरी याद.....!
तेरी याद.....!
singh kunwar sarvendra vikram
The Enemies
The Enemies
Otteri Selvakumar
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
पल
पल
*प्रणय प्रभात*
वीर-जवान
वीर-जवान
लक्ष्मी सिंह
हर वर्ष जला रहे हम रावण
हर वर्ष जला रहे हम रावण
Dr Manju Saini
भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
Vaishaligoel
उन यादों को
उन यादों को
Dr fauzia Naseem shad
चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...