हयात की तल्ख़ियां
आजकल मेरी मां का इलाज़ चल रहा है। मेरे परिवार के आय के सारे स्रोत बंद हैं। हम दोनों भाइयों में गीत लिखने की अच्छी-खासी क्षमता होने के बावजूद हमें गीत लिखने का काम नहीं मिलता है। किसी गायक के पास मैसेज करने पर वह उसका कोई ज़वाब नहीं देता। रोजी-रोटी चलाने के लिए हमें दूसरा कोई काम भी नहीं मिल पा रहा। आजकल दोस्तों और रिश्तेदारों ने भी हमारा हाल-चाल पूछना बंद कर दिया है। अब मेरी मायूसी हद से ज़्यादा बढ़ चली है। मुझे दूर-दूर तक कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही। मैं कहां जाऊं-क्या करूं-कुछ भी समझ में नहीं आ रहा। अपनी मां और परिवार के लिए कुछ न कर पाने के लिए मैं बेहद शर्मिंदा हूं।