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12 Jul 2024 · 1 min read

#हम_तुम❣️

#हम_तुम❣️

“जब कभी बेचैन होता हूँ
तो तुम्हारे बारे में सोच लेता हूँ,

दोनों आँखें बंद कर मैं तुम्हें
अपने क़रीब महसूस कर लेता हूँ,

सौंधी माटी की खुशबू सी थीं तुम
तुम्हें याद कर बारिश में थोड़ा भीग लेता हूँ,

एक आदत थी मुझे तुम्हारे साथ की
अब तुम बिन मैं साँसे थोड़ी कम ही लेता हूँ”

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