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18 Sep 2024 · 1 min read

“हम हो गए दीवाने”

डॉ लक्ष्मण झा परिमल

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तेरे हर बोल में अमृत है कोयल की राग है तुझमें !

मधुर गीतों का है संगम सभी रस छंद है तुझमें !!

तेरे हर बोल में अमृत है कोयल की राग है तुझमें !

मधुर गीतों का है संगम सभी रस छंद है तुझमें !!

तुम्हारा रूप जब दमके लगे कोई चाँद निकला हो !

किया शृंगार तारों ने लगे कोई रत्न बिखरा हो !!

तेरे हर बोल में अमृत है कोयल की राग है तुझमें !

मधुर गीतों का है संगम सभी रस छंद है तुझमें !!

नयन को देख कर लगता मेरी तुम राह तकती हो !

मिलन की चाह में रहकर मुझे रह- रह बुलाती हो !!

तेरे हर बोल में अमृत है कोयल की राग है तुझमें !

मधुर गीतों का है संगम सभी रस छंद है तुझमें !!

फड़कते ओठ के प्याले मधुर रस पान को तरसे !

कहीं प्यासा ना रह जाऊँ मेरा दिल प्यार को तरसे !!

तेरे हर बोल में अमृत है कोयल की राग है तुझमें !

मधुर गीतों का है संगम सभी रस छंद है तुझमें !!

रहूँगा संग जीवन भर कभी नहिं साथ छोडूंगा !

बना हूँ मैं सदा साथी नहीं कभी मुँह को मोडूंगा !!

तेरे हर बोल में अमृत है कोयल की राग है तुझमें !

मधुर गीतों का है संगम सभी रस छंद है तुझमें !!

======================

डॉ लक्ष्मण झा परिमल

साउंड हैल्थ क्लीनिक

एस 0 पी 0 कॉलेज रोड

दुमका

झारखंड

18.09.2024

Language: Hindi
Tag: गीत
8 Views
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