!!! हम होंगे कामयाब !!!
मंजिल मिल ही जायेगी
एक दिन भला ही देर से ही सही
और गुमराह वो हो जाते हैं
जो कभी घर से निकलते ही नहीं !!
खुशियन मिल ही जायेंगी
सब तरह की रोते रोते ही सही
कमजोर दिल वाले होते हैं वो
जो कभी हसने की सोचते भी नहीं !!
पूरे तो हो ही जायेंगे वो सब सपने
जो देख रहे हो तुम अँधेरी रातो में
समझ की कुछ कमी है उन सब में
जो घबराहट और डर से सोते ही नहीं !!
कर्म करने को आये हो दुनिया में
कर्म करने से कभी तुम डरना नहीं
कश्ती को किनारा जरूर मिल जायेगा
उसीको जो दरिया में डूबने से डरते नहीं !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ