Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2023 · 1 min read

हम सभी की दिवाली मन जाएं

अगर मन की देहरी पर आशा के दीप जल जाए,
तो हर संकल्प को नयी रोशनी मिल जाएं।

अगर विश्वासों के तार को झंकार मिल जाएं,
तो हर कल्पना को नया आकार मिल जाएं।

अगर कर्म को धैर्य का सहयोग मिल जाएं
तो हर ख्वाब को नयी उड़ान मिल जाएं।

अगर मन से राग व द्वेष की गांठ खुल जाएं,
तो हम सभी की अनुपम दिवाली मन जाएं।
।।रुचि दूबे।।

3 Likes · 357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय*
Why Doesn't mind listen?
Why Doesn't mind listen?
Bindesh kumar jha
कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है
कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है
ओनिका सेतिया 'अनु '
आसान नहीं
आसान नहीं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
“जो पानी छान कर पीते हैं,
“जो पानी छान कर पीते हैं,
शेखर सिंह
-: काली रात :-
-: काली रात :-
Parvat Singh Rajput
काहे का अभिमान
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आप या तुम
आप या तुम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझसे जो भी होता है वो मैं करता हूॅं!
मुझसे जो भी होता है वो मैं करता हूॅं!
Ajit Kumar "Karn"
"हिचकी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
Sunil Maheshwari
मेरा तो इश्क है वही, कि उसने ही किया नहीं।
मेरा तो इश्क है वही, कि उसने ही किया नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
I'd lost myself
I'd lost myself
VINOD CHAUHAN
चमक..... जिंदगी
चमक..... जिंदगी
Neeraj Agarwal
"अकेले रहना"
Dr. Kishan tandon kranti
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बहु घर की लक्ष्मी
बहु घर की लक्ष्मी
जय लगन कुमार हैप्पी
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
फूलों की खुशबू सा है ये एहसास तेरा,
फूलों की खुशबू सा है ये एहसास तेरा,
अर्चना मुकेश मेहता
आज मानवता मृत्यु पथ पर जा रही है।
आज मानवता मृत्यु पथ पर जा रही है।
पूर्वार्थ
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
पूर्ण शरद का चंद्रमा,  देख रहे सब लोग
पूर्ण शरद का चंद्रमा, देख रहे सब लोग
Dr Archana Gupta
आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी
आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी
Paras Nath Jha
അന്ന്....
അന്ന്....
Heera S
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
Sanjay ' शून्य'
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीव के मौलिकता से परे हो,व्योम धरा जल त्रास बना है।
जीव के मौलिकता से परे हो,व्योम धरा जल त्रास बना है।
दीपक झा रुद्रा
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
Sonam Puneet Dubey
Loading...