Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2017 · 2 min read

हम सब (आंशिक) पागल हैं!

मानसिक रूप से अस्थिर या गंभीर अवसाद में सामान्य से उल्टा व्यवहार करने वाले लोगों को पागल की श्रेणी में रखा जाता है। समाज के मानक अनुसार सामान्यता का प्रमाणपत्र लेना आसान है – आम व्यक्ति, अपनी आर्थिक/सामाजिक स्थिति अनुसार हरकतें और आम जीवन। इतनी परतों वाला जीवन क्या केवल दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है? मेरी एक थ्योरी है। हम सब पागल हैं। अंतर केवल इतना है कि किस हद तक, किन बातों पर, किस दशा-माहौल में और किन लोगो के साथ हम खुद पर नियंत्रण रख पाते हैं। अक्सर शांतचित रहने वाले लोगों को काफी छोटी बात पर बिफरते देखा है। वही लोग जिनका व्यवहार बड़ी विपदाओं में स्थिर रहता है। उस छोटी बात में ऐसा क्या ख़ास है जो ऐसी प्रतिक्रिया आयी? वह बात और उस से जुडी बातें एक पज़ल समीकरण के अधूरे हिस्से की तरह उस व्यक्ति के दिमाग में यूँ जाकर लगी कि बात ने सुप्त गुस्से के लिए ट्रिगर का काम किया। केवल गुस्सा ही नहीं बल्कि किसी चीज़, व्यक्ति के प्रति सनक या ‘दीवानापन’ होने पर भी व्यक्ति की पूरी प्रवृत्ति सामान्य से अलग लगने लगती है।

अपने कम्फर्ट जोन-दिनचर्या की आदत बनाये व्यक्ति को लगता है कि वह अपनेआप को बहुत अच्छी तरह जानता है। स्वयं के अवलोकन के अभाव में ऐसे कई पहलु, कमियाँ और व्यवहार की असमानता हम देख नहीं पाते जो हमसे संपर्क में आये लोग अनुभव करते हैं। जब आपके साथ वैसी घटना हो जिसकी आपको आदत नहीं या जिसे आप नियंत्रित ना कर पाएं तो भी सामान्य चेहरे से अलग नयी अप्रत्याशित छवि दिखती है। जीवन की वर्तमान स्थिति अनुसार खुद को अलग-अलग “व्हॉट इफ” घटनाओं (ऐसा हो तो मैं क्या करूँगा) में सोच कर देखें। अगर सोच में अनियमितता लगे तो खुद को बदलने का प्रयास करें। अपने व्यवहार को अन्य व्यक्ति के स्थान पर होकर देखने की कोशिश करें। स्वयं के जीवन की फिल्म में मुख्य किरदार में रहें पर इतने आत्ममुग्ध ना हों कि अपनी आंशिक सनक, गुस्से, बेवकूफी को ही ना देख पाएं। आपके प्रियजन, मित्रों को आपकी आदत है और उनकी आपको इसलिए थोड़ा पागलपन सब झेल लेते हैं…बस ये ध्यान रखें कि उस थोड़े की सीमा को पार कर अन्य लोगो को परेशानी ना होने दें।
=========
#ज़हन

Language: Hindi
Tag: लेख
455 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*धन्य डॉ. मनोज रस्तोगी (कुंडलिया)*
*धन्य डॉ. मनोज रस्तोगी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
..
..
*प्रणय*
दीवाना - सा लगता है
दीवाना - सा लगता है
Madhuyanka Raj
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
VEDANTA PATEL
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
sushil sarna
होली है ....
होली है ....
Kshma Urmila
4216💐 *पूर्णिका* 💐
4216💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
न बोले तुम
न बोले तुम
Surinder blackpen
नशा नाश की गैल हैं ।।
नशा नाश की गैल हैं ।।
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
तेरी मेरी ज़िंदगी की कहानी बड़ी पुरानी है,
तेरी मेरी ज़िंदगी की कहानी बड़ी पुरानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेटी लक्ष्मी रूप है
बेटी लक्ष्मी रूप है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
//••• क़ैद में ज़िन्दगी •••//
//••• क़ैद में ज़िन्दगी •••//
Chunnu Lal Gupta
ऐ जिन्दगी मैने तुम्हारा
ऐ जिन्दगी मैने तुम्हारा
पूर्वार्थ
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
कवि रमेशराज
“परिंदे की अभिलाषा”
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
Atul "Krishn"
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
Manisha Manjari
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
Rituraj shivem verma
आक्रोश तेरे प्रेम का
आक्रोश तेरे प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
तेरी याद
तेरी याद
Shyam Sundar Subramanian
फितरत दुनिया की...
फितरत दुनिया की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
VINOD CHAUHAN
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
I love sun
I love sun
Otteri Selvakumar
गृहणी का बुद्ध
गृहणी का बुद्ध
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
बटन ऐसा दबाना कि आने वाली पीढ़ी 5 किलो की लाइन में लगने के ब
बटन ऐसा दबाना कि आने वाली पीढ़ी 5 किलो की लाइन में लगने के ब
शेखर सिंह
लक्ष्य
लक्ष्य
Shashi Mahajan
"बेस्ट पुलिसिंग"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल तुझे
दिल तुझे
Dr fauzia Naseem shad
Loading...