हम सबको ही है पता, चुभ जाते हैं शूल
हम सबको ही है पता, चुभ जाते हैं शूल
लेकिन अक्सर घाव भी,दे जाते हैं फूल
दे जाते हैं फूल, महक के धोखे में गम
दिल को लगती चोट,नहीं कर पाते कुछ हम
तभी अर्चना आँख, खोलकर चलना हमको
खुशबू से पहचान, नहीं सकते हम सबको
डॉ अर्चना गुप्ता