हम वफ़ादार थे हर हाल वफ़ा करते थे
काम था उनका जफ़ा करना जफ़ा करते थे
हम वफादार थे हर हाल वफ़ा करते थे
हम जिये कब ऐ सनम बिछर कर पल भर
सांस लेने की फकत रस्म अदा करते थे
अब हमे देख के रास्ते ही बदल लेते है
कल तक मिलने की हमसे जो दुआ करते थे
बंदिशें दुनिया की कब इश्क़ ने मानी यारों
उनसे छुप छुप के बहाने से मिला करते थे
हम तुम्हें सोचते ही रहते थे करवट करवट
और यादों में तेरी आहे भरा करते थे
बबीता अग्रवाल #कँवल