हम वंशज हैं वीर शिवा के
हम वंशज हैं वीर शिवा के,
अरि से नहिं घबराते हैं।
अवसर आने पर दुश्मन को,
नानी याद दिलाते हैं।।
मुगलों की सेना के भीतर,
जाकर जिसने द्वंद किया।
भेद दिया था किला सैन्य सब,
जो था बख्तरबंद किया।।
ऐसे ही इक धरा पुत्र की,
मैं यह कथा सुनाता हूं।
लेकिन उसके वर्णन खातिर,
शब्द नहीं मैं पाता हूं।
वीर धीर गम्भीर अतुल था।
शौर्य पराक्रम निहित विपुल था।