हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
चलते हैं अपनी राह पे पग मोड़ते नहीं
हम अपने दिल की बात ही सुनते समझते हैं
क्या चार लोग कहते हैं हम सोचते नहीं
डॉ अर्चना गुप्ता
हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
चलते हैं अपनी राह पे पग मोड़ते नहीं
हम अपने दिल की बात ही सुनते समझते हैं
क्या चार लोग कहते हैं हम सोचते नहीं
डॉ अर्चना गुप्ता