हम बदल गये
कुछ मोड़ ऐसे भी थे
जहाँ से जिन्दगी बदल गई,
हम बदल गये,
राहें बदल गयी,
झकझोर दिया हमें,
झड. गये पीले पात सा,
ठहर गये ठूठे पेङ सा,
एक नये नजरिये से
जिन्दगी को देखा,
अरे! ये तो पतझड़ था।
वसन्त का आगाज लिये,
नूतन का अहसास लिये,
नयी मंजिल का आभास लिये,
चल पड़े बेझिझक ,
नये मोड़ पर नई राह के लिये
खुद को तैयार किये.
हौसलों को साथ लिये….।
पूनम समर्थ (आगाज ए दिल)