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22 May 2024 · 1 min read

हम बदल गये

कुछ मोड़ ऐसे भी थे
जहाँ से जिन्दगी बदल गई,
हम बदल गये,
राहें बदल गयी,
झकझोर दिया हमें,
झड. गये पीले पात सा,
ठहर गये ठूठे पेङ सा,
एक नये नजरिये से
जिन्दगी को देखा,
अरे! ये तो पतझड़ था।
वसन्त का आगाज लिये,
नूतन का अहसास लिये,
नयी मंजिल का आभास लिये,
चल पड़े बेझिझक ,
नये मोड़ पर नई राह के लिये
खुद को तैयार किये.
हौसलों को साथ लिये….।
पूनम समर्थ (आगाज ए दिल)

Language: Hindi
95 Views
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