“ हम पेंडुलम बनि झूलैत रहब “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
( व्यंग्यात्मक अभिव्यक्ति )
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इ हमर धृष्टता नहि त आर की अछि ? हम हजारों क हजार डिजिटल मित्र बनबैत छी ! पाँच हजार जखन मित्र बनि जाइत छथि तखन फेसबुक क आर दोसर अकाउंट खोलि लैत छी ! प्रतियोगिताक लहर सम्पूर्ण शरीर मे व्याप्त भ जाइत अछि ! ना आऊ देखलहुं ना ताऊ देखलहुं मित्र क सैन्य संगठन मे लागि गेलहुं ! हम सेनापति छी आ हमर फेसबुक क समस्त मित्रमंडली सिपाही छथि ! फेसबुक हमर ,सेनापति हम आ श्रेष्ठ हम भेलहुं ! हम किया आहाँ केँ खोज पूछारी करब ? किया आहाँ क रणकौशलता क अवलोकन करब ? प्रोत्साहन ,ढाढ़स आ निर्देशक प्रतिक्रिया क अपेक्षा जुनि करू ! हमर कौशलता क अवलोकन आहाँ लोकनि केँ करबाक अछि ! हमर गीत सुनू ,हमर गजल सुनू ! कविता ,लेख आ कहानी पढू ! कवि सम्मेलन देखू ! हमर पाग, धोती आ दोपटा देखू ! हमर हवाई यात्रा ,विदेश यात्रा आ तीर्थ यात्रा क अवलोकन करू आ हमर प्रशंसा करू ! हम कखनों -कखनों लाइव टी 0 वी 0 मे जखन आबि त एकाग्र चित सं हमर दर्शन करू ! आर हमर जन्म दिन ,विवाहक सालगिरह , हमर कनिया क जन्म दिन आ सामाजिक आ संस्कृतिक उत्सव पर हमरा बधाई या शुभकामना अवश्य देब ! अपन समस्त कार्यक्रम क प्रोमोशन मे हम लागल रहब ! मित्रता समान प्रतिक्रिया पर आधारित अछि ! एहि रंगमंच मे कलाकारक कमी नहि अछि ! महान विभूती श्रेष्ठ ,समतुल्य आ कनिष्ठ लोकनि अपन योगदान सं एहि उपवन केँ पुष्पित आ सुगंधित बनबैत छथि ! आपसी सहयोग ,समान विचारधारा ,परस्पर सम्मान आ लेखनी क माध्यम सं हम सभक हृदय मे बसि सकैत छी अन्यथा हमर फोटो टा टाँगल रहत आ हम पेन्डुलम बनि झूलैत रहब !! ===================
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका