#हम तेरे सहारे हैं
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★ #हम तेरे सहारे हैं ★
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं . . . . .
आती है महक मीठी पर
तू नहीं दिखता
किसी मोल मिल जाए ले लें
तू नहीं बिकता
यहाँ आंसू खारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं . . . . .
नींद परायी अंखियाँ सूनी
टूट गए सपने
कड़वा पल-पल युग-सा बीते
सब छूट गए अपने
अपनों के मारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं . . . . .
मन पर झेली तन पर बीती
बिसर गई सब बात
दिन के उजाले मैले जैसे
काली अंधियारी रात
कटती नहीं हारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं . . . . .
हाथ हाथ में साथ सहारे
इक-इक सब छूटे
भोर सुहानी तक जो चलते
रात से पहले ही रूठे
सब साँझ के तारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं . . . . .
मोह लोभ का बोझ बड़ा है
कैसे उतरें पार
दूर ठिकाना प्रियतम का
जाना है नदिया पार
कर्मों के धारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं . . . . .
सूने रस्ते मनवा घायल
पाँव में पीर लगी
तू ही आ जा बुझ न जाए
प्रीत की जोत जगी
पथ पलकों से संवारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं
हम तेरे सहारे हैं . . . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२