लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
बे मन सा इश्क और बात बेमन का
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
विचार , हिंदी शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*"सरहदें पार रहता यार है**
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे