Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत

हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए,
चाहकर एक दूजे से मिल ना सके।।

एक अधूरा सा जीवन लिए साथ में,
एक दूरी तलक साथ चलते रहे।
दूरियां फिर मगर ऐसे बढ़ती गईं,
मिलके बिछड़े, मगर फिर से मिल ना सके।

हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए, चाहकर एक दूजे से मिल ना सके।।

हर सरल राह चुनकर, तुम्हें सौंपकर,
नाम अपने कठिन राह करते रहे।
तुम सरल राह पाकर के आगे बढ़ी,
हम कठिन राह पर, ज्यादा चल ना सके।

हम तुम एक नदी के दो तट हो गए, चाहकर एक दूजे से मिल ना सके।।

हारना तो हमारा चयन था मगर,
जीत जाना तुम्हारा रहा लक्ष्य है,
हम तुम्हारे चयन को ही जीते रहे,
लक्ष्य अपना तुम्हे यूं बता न सके।

हम समर्पण का जीवन लिए साथ में,
उस किनारे तलक दूर चल न सके।।

हम तुम एक नदी के दो तट हो गए, चाहकर एक दूजे से मिल ना सके।।

भाग्य मेरा नदी सा था सीमित मगर,
हर समुंदर तुम्हारे लिए सोचता,
स्वप्न की चाह में और तुम्हे सोचकर,
जो ख़सारा हुआ उसको सह न सके।

हारना प्रेम में यूं सफलता ही है,
पर विरह जो मिला उसको सह न सके।।

हम तुम एक नदी के दो तट हो गए,
चाहकर एक दूजे से मिल न सके।।

अभिषेक सोनी “अभिमुख”
ललितपर, उत्तर–प्रदेश

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 100 Views

You may also like these posts

आसमान की सैर
आसमान की सैर
RAMESH SHARMA
*मरण सुनिश्चित सच है सबका, कैसा शोक मनाना (गीत)*
*मरण सुनिश्चित सच है सबका, कैसा शोक मनाना (गीत)*
Ravi Prakash
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
Surinder blackpen
मेंहदी
मेंहदी
Sudhir srivastava
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
शेखर सिंह
न बन बादल कोई भरा
न बन बादल कोई भरा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
आस...
आस...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
वो रात कुछ और थी ।
वो रात कुछ और थी ।
sushil sarna
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
नवल किशोर सिंह
सर सरिता सागर
सर सरिता सागर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
बहुत खुश हैं अपनी दुनिया में
बहुत खुश हैं अपनी दुनिया में
डॉ. एकान्त नेगी
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
गुमनाम 'बाबा'
जीवन तब विराम
जीवन तब विराम
Dr fauzia Naseem shad
"वक्त को"
Dr. Kishan tandon kranti
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
डॉ. दीपक बवेजा
*मनकहताआगेचल*
*मनकहताआगेचल*
Dr. Priya Gupta
What can you do
What can you do
VINOD CHAUHAN
मन के मनके फोड़ा कर...!!
मन के मनके फोड़ा कर...!!
पंकज परिंदा
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
हिमांशु Kulshrestha
4121.💐 *पूर्णिका* 💐
4121.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Anamika Tiwari 'annpurna '
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
SPK Sachin Lodhi
मैं स्त्री हूं
मैं स्त्री हूं
indu parashar
इश्क़ कर लूं में किसी से वो वफादार कहा।
इश्क़ कर लूं में किसी से वो वफादार कहा।
Phool gufran
मातम-ए-मर्ग-ए-मोहब्बत
मातम-ए-मर्ग-ए-मोहब्बत
Johnny Ahmed 'क़ैस'
कहो कैसे वहाँ हो तुम
कहो कैसे वहाँ हो तुम
gurudeenverma198
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नायब सिंह के सामने अब 'नायाब’ होने की चुनौती
नायब सिंह के सामने अब 'नायाब’ होने की चुनौती
सुशील कुमार 'नवीन'
महाभारत का महाकाव्य, कथा अद्भुत पुरानी,
महाभारत का महाकाव्य, कथा अद्भुत पुरानी,
पूर्वार्थ
Loading...