हम तुमसे जब मिल नहीं पाते
हम तुमसे जब मिल नहीं पाते
चैन से फिर हम रह नहीं पाते
चाहत दिल की तुझे देखने की
जब हम पूरी कर नहीं पाते
नींद भी नहीं आती हमको फिर
तुम्हें सपनों में भी देख नहीं पाते
हम तुमसे जब मिल नहीं पाते
चैन से फिर हम रह नहीं पाते
कब समझोगे तुम प्यार मेरा
काश तुम अब तो आ जाते
बीत गई है रात बिना नींद के ही
काश तुम भी मेरी हालत देख पाते
हम तुमसे जब मिल नहीं पाते
चैन से फिर हम रह नहीं पाते
लगती है जैसे, अंधेरी रात बिन चांद के
तुझ बिन मेरे हालत ऐसे ही हो जाते
काश मिल जाते कहीं राह में तुम
हम भी पूर्णिमा का चांद देख पाते
हम तुमसे जब मिल नहीं पाते
चैन से फिर हम रह नहीं पाते
दो कदम चलना भी मुश्किल है
तेरे बिना हम कुछ कर नहीं पाते
बन जाते तुम हमसफर मेरे तो
ये रस्ते यूं ही प्यार से कट जाते
हम तुमसे जब मिल नहीं पाते
चैन से फिर हम रह नहीं पाते
तू नहीं सुनता, अब मेरे कान्हा ही सुन ले
काश अब मनोहर ही तुम्हें समझा जाते
बात उनकी तो तुम टाल नहीं पाओगे
है दुआ, अब वही तुम्हें मुझसे मिला जाते
हम तुमसे जब मिल नहीं पाते
चैन से फिर हम रह नहीं पाते।