Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

हम एक-दूसरे के लिए नहीं बने

अपनी फितरत
नहीं मिलती है
अपनी तबीयत
नहीं मिलती है
दूर-दूर तक
एक-दूसरे से
अपनी शख्सियत
नहीं मिलती है…
(१)
तालीम अलग
मक़सद अलग
माहौल अलग
सोहबत अलग
अपना शौक
अपनी पसंद
अपनी आदत
नहीं मिलती है…
(२)
बेहतर है कि
सच क़बूल करें
जान-बूझकर
हम न भूल करें
अपने दिल अगर
मिल भी जाएं
अपनी क़िस्मत
नहीं मिलती है…
(३)
तुम कामयाब
तो मैं हूं बेकार
हमारे बीच
चांदी की दीवार
लाख कोशिशों
के बावजूद
अपनी हालत
नहीं मिलती है…
#geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#romanticsongs #love #वर्ग
#आशिक #समाज #रूचि #दोस्ती
#lovers #sad #lyricist #महबूबा
#उदासी #दर्द #प्रेमी #प्रेमिका #फर्क
#wearenotmadeforeachother

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2122 1212 22/112
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
मुझमें मुझसा
मुझमें मुझसा
Dr fauzia Naseem shad
*यहॉं संसार के सब दृश्य, पल-प्रतिपल बदलते हैं ( हिंदी गजल/गी
*यहॉं संसार के सब दृश्य, पल-प्रतिपल बदलते हैं ( हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
लेखनी चले कलमकार की
लेखनी चले कलमकार की
Harminder Kaur
2546.पूर्णिका
2546.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
Keshav kishor Kumar
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
भगवान बचाए ऐसे लोगों से। जो लूटते हैं रिश्तों के नाम पर।
भगवान बचाए ऐसे लोगों से। जो लूटते हैं रिश्तों के नाम पर।
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्ते बचाएं
रिश्ते बचाएं
Sonam Puneet Dubey
झूठी हमदर्दियां
झूठी हमदर्दियां
Surinder blackpen
विचार और रस [ एक ]
विचार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
तकते थे हम चांद सितारे
तकते थे हम चांद सितारे
Suryakant Dwivedi
"नजीर"
Dr. Kishan tandon kranti
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
जय माता दी 🙏
जय माता दी 🙏
Anil Mishra Prahari
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
शेखर सिंह
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
फौजी की पत्नी
फौजी की पत्नी
लक्ष्मी सिंह
अँधेरी गुफाओं में चलो, रौशनी की एक लकीर तो दिखी,
अँधेरी गुफाओं में चलो, रौशनी की एक लकीर तो दिखी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
पता नहीं कब लौटे कोई,
पता नहीं कब लौटे कोई,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तू प्रतीक है समृद्धि की
तू प्रतीक है समृद्धि की
gurudeenverma198
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गीत
गीत
Shiva Awasthi
तोलेंगे सब कम मगर,
तोलेंगे सब कम मगर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मृत्यु पर विजय
मृत्यु पर विजय
Mukesh Kumar Sonkar
बहुजन विमर्श
बहुजन विमर्श
Shekhar Chandra Mitra
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
Mahendra Narayan
Loading...