हमें मोदीजी पर नाज़ है – सर्जीकल स्ट्राइक भाग – २ पर आधारित कविता
ये तो बस आगाज़ है
हर घर कोई नाराज़ है
माँ भारती क्रोधित हुई थी
उनकी ये आवाज़ है
अंदाज़ है , परवाज़ है
मेरे वतन पर नाज़ है
ये साज़ है उस बिगुल का
जिससे उखड़ गए ह्रदय उनके
जो भी धोकेबाज़ है
आज का रिवाज़ है
ये मोदीजी का राज़ है
मिजाज़ है ये प्रेरणा
जिसपर सभी को नाज़ है ….
BY UTKARSH RUPESH GUPTA
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